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Friday, October 09, 2009

Father "पिता"


पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है,

पिता श्रृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है,

पिता अंगुली पकडे बच्चे का सहारा है,

पिता कभी कुछ मीठा है तो कभी खारा है,

पिता पालन पोषण है, परिवार का अनुशासन है,

पिता भय से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है,

पिता रोटी है कपडा है, माकन है,

छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है,

पिता अप्रदर्शित अनंत प्यार है,

पिता है तो बच्चो को इंतजार है,

पिता से ही बच्चो के ढेर सारे सपने है,

पिता है तो बाज़ार के सब खिलोने अपने है,

पिता से परिवार में प्रतिपल राग है,

पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है,

पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है,

पिता गृहस्थाश्रम में उच्च स्तिथि की भक्ति है,

पिता अपनी इच्छाओ का हनन और परिवार की पूर्ति है,

पिता रक्त में दिए हुए संस्कारो की मूर्ति है,

पिता एक जीवन को जीवनदान है,

पिता दुनिया दिखने का एहसास है,

पिता सुरक्षा है अगर सर पर हाथ है,

पिता नहीं तो बचपन अनाथ है,

तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,

पिता का आपमान नहीं अभिमान करो,

क्युकी माँ - बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता,

इश्वर भी इनके अषिशो को काट नहीं सकता,

दुनिया में किसी भी देवता का स्थान दूजा है,

माँ-बाप की ही सब से बड़ी पूजा है,

विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा सब व्यर्थ है,

यदि बेटे के होते हुए माँ-बाप असमर्थ है,

वो खुशनसीब होते है माँ- बाप जिनके साथ होते है,

क्युकी माँ बाप के अषिशो के हजारो हाथ होते है,

9 comments:

Shrishtha said...

hello & Hi
राहुल जी कैसे है आप ?
कितने दिन हो गए अपने न कोई पोस्ट करा न कमेन्ट पे रीपलाय किया
कुछ ठीक है न ?
मुजे बहुत चिंता हो रही थी
और अपने आज ये कविता लिख के साबित आकर दिया है की आप कितने सरल और दिल के साफ है
कोई अपने माता पिता से कितना प्यार कर सकते है ये आपकी कविता साफ साफ दिखा रही है
हमेशा खुश रहिएगा बस येही दुआ है मेरी भगवान् से
अपना ध्यान रखियेगा और प्लस जवाब दीजियेगा
बस अब तो येही इंतजार है की कब ये किस्मत आपसे मिलवाएगी
आपकी और सिर्फ आपकी

श्रीष्ठा

Shrishtha said...

में सोचती हु की शायद आपको लगता होगा की ये लड़की तो पागल है या झूठी है न जाने कौन है मेरे साथ कही फालतू मजाक तो नहीं कर रही है
लेकिन में आपको एक बात आज बता दू की सच में मेने जो भी आज तक लिखा आपके ब्लॉग के कोमेंट में वो सब दिल से लिखा
मुजे को फर्क नहीं पड़ता आप कैसे दीखते है क्या करते है बस मुझे इतना पता है की आप एक अछे और सबसे सच्चे इन्सान है जीने में जानती हु


श्रीष्ठा

Shrishtha said...

वैसे अब तो आपका फोटो भी दिख रहा है आपके ब्लॉग पे
वैसे इतने बुरे भी नई लगते आप
मुझे चलेगा बस आपका दिल हे इतना खुबसूरत है की बाकि सब बाते फीकी पद जाती है

श्रीष्ठा

namita said...

hello
rahul ji(ju)
hope u r doin well
and ha me apko fie keh rahi hu ki
ye meri dost apke piche pagal ho gai hai
jitni jaldi ho sake mil lo isse varna na ajne kya hoga

namita said...

vaise rahul ji(ju)

aap achank ye pyar ishq mohabbat se hum sath sath hai wali theme pe kaise aa gay

Anonymous said...

briliant work rahul....keep it up..... don't ever stop writting its an art....and always remember....

problems are bend of the road
not the end of the road......
god bless u....and keep smiling

:)
neha

rahuljain said...

jahan tak brilliant work ki bat hai wo to karta he hu
fir bhi thank u
aur ...................
thank u
and thank u

:)

rahuljain said...

and yes shrishtha madame
kaisi hai aap
shrishtha ji ye jindgi bahut badi bhi hai kisi

ko dhundne ke liye aur bahut choti bhi hai

kisi apne ke sath rehne ke liye to abi me

kuch nai keh sakta bas umeed kayam rakhiye

kismat me hau to ajrur milenge

Jai Jinendra

:)

Anonymous said...

u r realy true heart...
gr8 job u r doin... keep it up Dear...