पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है,
पिता श्रृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है,
पिता अंगुली पकडे बच्चे का सहारा है,
पिता कभी कुछ मीठा है तो कभी खारा है,
पिता पालन पोषण है, परिवार का अनुशासन है,
पिता भय से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है,
पिता रोटी है कपडा है, माकन है,
छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है,
पिता अप्रदर्शित अनंत प्यार है,
पिता है तो बच्चो को इंतजार है,
पिता से ही बच्चो के ढेर सारे सपने है,
पिता है तो बाज़ार के सब खिलोने अपने है,
पिता से परिवार में प्रतिपल राग है,
पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है,
पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है,
पिता गृहस्थाश्रम में उच्च स्तिथि की भक्ति है,
पिता अपनी इच्छाओ का हनन और परिवार की पूर्ति है,
पिता रक्त में दिए हुए संस्कारो की मूर्ति है,
पिता एक जीवन को जीवनदान है,
पिता दुनिया दिखने का एहसास है,
पिता सुरक्षा है अगर सर पर हाथ है,
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है,
तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,
पिता का आपमान नहीं अभिमान करो,
क्युकी माँ - बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता,
इश्वर भी इनके अषिशो को काट नहीं सकता,
दुनिया में किसी भी देवता का स्थान दूजा है,
माँ-बाप की ही सब से बड़ी पूजा है,
विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा सब व्यर्थ है,
यदि बेटे के होते हुए माँ-बाप असमर्थ है,
वो खुशनसीब होते है माँ- बाप जिनके साथ होते है,
क्युकी माँ बाप के अषिशो के हजारो हाथ होते है,